Thursday 17 May 2018

उत्तराखंड में पलायन: एक गंभीर समस्या

उत्तराखंड में पलायन एक गंभीर समस्या के रूप में सामने आ रही है !इसके दो मुख्यतया दो कारण है
१- प्राकृतिक कारक
२-मानवी कारक
प्राकृतिक कारक  - किसी भी राज्य हो या राष्ट्र उसके विकास के लिए अवसंरचना(Infrastructure) का होना बहुत ही आवश्यक है परन्तु  उत्तराखंड की भगौलिक स्थिति पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण यहॉ  वर्ष में प्राकृतिक जैसे बाढ़ ,भूस्खलन समस्याओं से जूझता रहता है जो विकास में बड़ी रुकावट पैदा करता है जिससे ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले परिवार मैदानी भागों में पलायन करने को मजबूर है

मानवी कारक - मानव अपने विकास व विनाश के लिए स्व्यम ही उत्तरदायी है उत्तराखंड में पलायन की समस्या कुछ नहीं अपितु यहां के लोगो की सोच है जिसके निम्न्लिखित कारक है

  • गुणवक्ता परख शिक्षा का ना होना -सरकारों ने इतने शिक्षण सस्थान  खोले जिनका रखरखाव करना सरकार के लिए मुश्किल हुआ और अंततः आज ये स्थिति है की आज उन शिक्षण सस्थान को बंद करने की स्थिति में है 
  • शिक्षा ,सड़क ,स्वास्थ अन्य मूलभूत संसाधनों का रखरखाव नहीं होना भी पलायन का मुख्य कारण है!
  • कृषि क्षेत्र में युवाओं की रूचि कम होना - यहां के लोग ना तो खुद कृषि कार्य करना चाहते और ना ही उसको उपयोग के लिए दुसरो को देना चाहते ! यदि इसी जमीन को सरकार पट्टे पे ले के किसी ऐसे व्यक्ति को दे जो उस भूमि मे अच्छा कर सकता है तो सायद उत्तराखंड में पलायन नहीं होता !
  • दुसरो की देखादेखी भी यह के लोगो की प्रवित्ति है जिससे भी दिनप्रतिदिन पलायन में इजाफा हो रहा है 
पलायन को रोकने के कुछ सुझाव - पलायन केवल सोच पर निर्भर है इसको रोकने के कुछ सुझाव निम्न है !
१-नया भूमि बंदोबस्त नीति लागू हो और पहाड़ की जो बंजर पड़ी भूमि (Unusse Land) को पट्टे (Lease) पर दी जाये या तो राज्य की लोगो को या फिर अन्यत्र राज्य के लोगो जिससे यहां कृषि को बहुत बढ़ावा मिलेगा !
२-पर्यटन स्थलों का विकास था उस का विज्ञापन (Advertisment) भी किया जाये !
३- राज्य के कुछ ऐसे स्थानों को चिन्नित करके उन में लघु उद्धयोगो की स्थापना की जाये जिससे यहां के युवाओं को रोजगार मिल सके !
४- तकनीकी शिक्षण सस्थानों की स्थापना की जाये !