भारत में एक आम जनता के लिए आज भी न्याय मिलना बहुत ही कठिन है भारत की न्याय पालिका का स्वरूप इतना जटिल बनाया गया है की एक आम नागरिक/गरीब के लिए न्याय मिलना सागर से मोती निकलना जैसे हो गया है यहां तो एक अपराध को अपने नतीजे तक पहुँचने में २० से २५ या इससे भी अधिक का समय लग जाता है ! एक सेलिब्रिटी होने पर तो यह समय इससे भी अधिक का होता है ! तब तक रसूकदार धन बल का प्रयोग कर के अपने को बेकसूर साबित करके छूट जाते है ! ऐसी न्याय व्यवस्था जहां लोअर कोर्ट <सेशन कोर्ट <हाई कोर्ट <सुप्रीम कोर्ट तक जाते जाते इतना समय होता है की कोई भी अपराधी/ रसूकदार अपने को बेकसूर साबित कर देता है था इस व्यवस्था के चलते रिहा हो जाता है और ऐसी तरह कोई गरीब व्यक्ति को न्याय मिलना बहुत ही जटिल है !
Sunday 8 April 2018
भारतीय न्यायपालिका का लचीलापन
भारत में एक आम जनता के लिए आज भी न्याय मिलना बहुत ही कठिन है भारत की न्याय पालिका का स्वरूप इतना जटिल बनाया गया है की एक आम नागरिक/गरीब के लिए न्याय मिलना सागर से मोती निकलना जैसे हो गया है यहां तो एक अपराध को अपने नतीजे तक पहुँचने में २० से २५ या इससे भी अधिक का समय लग जाता है ! एक सेलिब्रिटी होने पर तो यह समय इससे भी अधिक का होता है ! तब तक रसूकदार धन बल का प्रयोग कर के अपने को बेकसूर साबित करके छूट जाते है ! ऐसी न्याय व्यवस्था जहां लोअर कोर्ट <सेशन कोर्ट <हाई कोर्ट <सुप्रीम कोर्ट तक जाते जाते इतना समय होता है की कोई भी अपराधी/ रसूकदार अपने को बेकसूर साबित कर देता है था इस व्यवस्था के चलते रिहा हो जाता है और ऐसी तरह कोई गरीब व्यक्ति को न्याय मिलना बहुत ही जटिल है !
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