Sunday, 21 December 2025

मनरेगा(MGNREGA) से विकसित भारत:रोजगार की गारंटी और आजीविका मिशन:(ग्रामीण)-VB-G RAM G बिल 2025 तक का सफर

मनरेगा का  संक्षिप्त इतिहास:- ग्रामीण भारत की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वर्ष 2005 में नरेगा(NREGA) स्कीम थी शुरू की थी! जिसके तहत एक परिवार को एक वित्तीय वर्ष में 100 दिन के रोजगार की गारंटी प्रदान की जाती है जिसका नाम 2008 में बदलकर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम मनरेगा (MGNREGA)कर दिया गया! शुरुआती समय में उक्त योजना का क्रियान्वयन ग्राम पंचायत द्वारा पंचायत सचिव और प्रधान के संयुक्त खाते से संचालित कर श्रमिकों के खाते में भुगतान किया जाता था परंतु वर्ष 2014 में भारत सरकार के डिजिटल प्रोग्राम के तहत जन धन खाता खोले गए जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए मिल का पत्थर साबित हुआ इसके बाद प्रत्येक श्रमिक का पैसा उसके बैंक खाते में जाना सुनिश्चित हुआ!  जिसे उपयुक्त योजना में हो रहे वित्तीय अनियमिता को काफी हद तक काम किया गया इसके बाद भारत सरकार की उक्त बैंक खाते को श्रमिक के आधार कार्ड से लिंक किया गया जिससे कि पारदर्शिता और अधिक पड़ी! उक्त योजना के बाद भारत सरकार ने वर्ष 2017 में मनरेगा के तहत बने परिसमत्तियों का Geo Tagging  किया गया! इसके बाद भारत सरकार द्वारा उक्त योजना में और पारदर्शिता  अगला कदम रियल टाइम अटेंडेंस को 2022 में  किया  जिसको  नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम(NMMS) जिसके तहत मोबाइल डिवाइस से श्रमिकों को की उपस्थिति दिन में दो बार दर्ज की जाती है और जिस की कार्यों में और  पारदर्शिता आई!  मुक्ति योजना में बदलाव समय की मांग और भारत को विकसित भारत बनाने की दिशा में एक कदम माना जा सकता है जिससे कि भारत सरकार  श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए वह भ्रष्टाचार को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया! इसके बाद ओके योजना में परिवर्तन कर भारत सरकार ने 17 दिसंबर 2025 को लोकसभा में वह 18 दिसंबर को राज्यसभा में उक्त विधायक को नाम बदलकर विकसित भारत रोजगार की गारंटी और आजीविका मिशन ग्रामीण (VB- G RAM G) बिल संसद मे पास किया हैं! 

मनरेगा(MGNREGA) से विकसित भारत:रोजगार की गारंटी और आजीविका मिशन:(ग्रामीण)-VB-G RAM G बिल 2025 से कैसे अलग हैं:- 
1- उक्त योजना( VB- G RAM G) के तहत 125 दिन के रोजगार की गारंटी रही है जो कि मनरेगा में 100 दिन की गारंटी थी
2- कुछ हिमालय राज्यों को छोड़कर भारत सरकार द्वारा  योजना के तहत होने वाले व्यय 60:40 के तहत राज्यों को फंड जारी करेगी और अन्य मे कुछ हिमालय राज्यों मे होने वाले व्यय का 90:10 खर्च करेगी! 
3- उक्त योजना के तहत संपूर्ण गांव में टिकाऊ संपत्तियों का सृजन किया जाएगा और ग्रामीणों को रोजगार दिया जाएगा! 
4- इसके तहत हुए कार्यों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के तहत निगरानी की जाएगी  और कार्यों की ज्योग्राफिकल मैपिंग होगी! 
5 - इस योजना के तहत जो भी कार्य का मांग करता है और यदि उसे 15 दिन के अंदर कार्य नहीं मिलता है तो उसे बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा! 

VB-G RAM G योजना की  चुनौतियां:-  मुक्ति योजना को लागू करने में कई सारी चुनौतियों का सामना भी करना पड़ सकता है जो मुख्य रूप से निम्न प्रकार है
1- ग्रामीण भारत में कई राज्य व ग्रामीण क्षेत्र ऐसे हैं जहां इंटरनेट बहुत या तो धीमा चलता है या वहां नेटवर्क की सुविधा नहीं है तो उक्त योजना के तहत होने वाले डिजिटल रूप से कंट्रोल कार्यों के क्रियाव्यंन में समस्या का सामना करना पड़ सकता है! 
2- इस योजना में फंड की स्थिति स्पष्ट करनी होगी जिससे कि मजदूरों को समय पर भुगतान हो सके और मजबूत परिसंपत्तियों का निर्माण हो सके! 
3- ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना भी एक बहुत बड़ी चुनौती है

सरकार की दृष्टिकोण से योजना यदि धरातल पर सही ढंग से क्रियान्वित होती है तो यह ग्रामीण भारत के विकास के लिए व  भारत को 2047 तक विकसित भारत बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकता हैं! Visit

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