वर्तमान में मोबाइल बच्चों के लिए अभिशाप है या नहीं?
आज के डिजिटल युग में मोबाइल फोन (स्मार्टफोन) बच्चों के जीवन का हिस्सा बन चुके हैं। आपका सवाल है कि क्या ये अभिशाप(curse) हैं? इसका जवाब सरल नहीं है—मोबाइल न तो पूरी तरह वरदान हैं और न ही पूर्ण अभिशाप। अत्यधिक और अनियंत्रित उपयोग से ये बच्चों के लिए हानिकारक (अभिशाप जैसे) हो सकते हैं, जबकि सीमित और सही उपयोग से फायदेमंद भी। आइए तथ्यों के आधार पर दोनों पक्ष देखें।
मोबाइल के नुकसान (क्यों अभिशाप जैसे लगते हैं)
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और हालिया अध्ययनों (2025 तक) के अनुसार, बच्चों में मोबाइल का ज्यादा उपयोग गंभीर समस्याएं पैदा कर रहा है:
मानसिक स्वास्थ्य पर असर: डिप्रेशन, एंग्जायटी, चिड़चिड़ापन बढ़ता है। सोशल मीडिया से साइबरबुलिंग, कम आत्मसम्मान और तुलना की भावना आती है।
शारीरिक स्वास्थ्य: आंखों की रोशनी कम होना, ब्लू लाइट से नींद की कमी, मोटापा (कम शारीरिक गतिविधि से), गर्दन-कंधे का दर्द।
विकास पर प्रभाव: छोटे बच्चों (2-5 साल) में भाषा विकास, ध्यान केंद्रित करने में कमी, लत लगना (एडिक्शन)।
अन्य जोखिम: अनुचित कंटेंट देखना, रेडिएशन का खतरा (हालांकि विवादास्पद), सामाजिक अलगाव।
मोबाइल के फायदे (वरदान के रूप में)
सही उपयोग से मोबाइल बच्चों के लिए उपयोगी भी हैं:-
सुरक्षा: लोकेशन ट्रैकिंग, इमरजेंसी में कॉल करना।
शिक्षा: ऑनलाइन लर्निंग ऐप्स, वीडियो, जानकारी आसानी से मिलना।
संचार: परिवार-दोस्तों से जुड़े रहना, खासकर व्यस्त माता-पिता के लिए।
मनोरंजन और विकास: शैक्षिक गेम्स, क्रिएटिविटी बढ़ाना।
निष्कर्ष: अभिशाप नहीं, लेकिन सावधानी जरूरी
वर्तमान में (2025 तक) मोबाइल बच्चों के लिए पूर्ण अभिशाप नहीं हैं, लेकिन अत्यधिक उपयोग अभिशाप बन सकता है। WHO सलाह देता है: 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम न्यूनतम, 13 साल से पहले स्मार्टफोन न दें।
सलाह माता-पिता के लिए:
- स्क्रीन टाइम सीमित करें (2-5 साल: 1 घंटा/दिन, बड़ा: 2 घंटे)।
- पैरेंटल कंट्रोल यूज करें।
- खुद उदाहरण बनें—कम फोन यूज करें।
- बाहर खेलने, पढ़ने को प्रोत्साहित करें।

